शादी का सीजन शुरू हो गया है जिसके बाद से सोने की कीमत आसमान छू रही है. अमेरिका -चीन के बीच बढ़ते ट्रेड वॉर के कारण सोने की कीमत में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. लेकिन बढ़ती कीमतों के बीच एक नया ट्रेंड शुरू हो गया है. अब लोग पुराने गहने, सिक्के और सोने के बार को बेचकर नए गहने खरीद रहे हैं. विश्व स्वर्ण परिषद (WGC) के अनुसार सोने की कीमतों में भारी उछाल के कारण भारतीय पुराने गहनों को नए गहने से बदल रहे हैं, इसमें अब 40-45% खरीदारी में किसी न किसी रूप में एक्सचेंज शामिल है.
सोने की कीमतों में भारी उछाल
WGC की रिपोर्ट में कहा गया है कि सोने की कीमतों में भारी उछाल और चल रही अस्थिरता ने कई उपभोक्ताओं को किनारे कर दिया है, गहनों की मांग जरूरत-आधारित खरीदारी तक ही सीमित है, खासकर शादियों के लिए. बढ़ती कीमतों के कारण लोगों की खरीदारी में बदलाव आया है और ज्यादा खरीदार पुराने गहनों को नए गहनों से बदलना पसंद कर रहे हैं. हालांकि त्योहारी खरीदारी जारी रही है, लेकिन यह मामूली और स्थानीय बनी हुई है. इसके साथ ही, सोने में निवेश भी लोग तेजी से कर रहे हैं तो वहीं, बार और सिक्कों की मांग लचीली रही है.
गोल्ड की रीसाइक्लिंग करवा रहे हैं
लोग सोने की बढ़ी कीमतों के कारण शादी के सीजन में करीब 80 प्रतिशत से अधिक ग्राहक गोल्ड की रीसाइक्लिंग करवा रहे हैं. इसका मतलब यह हुआ कि लोग पुराने गहनों को ही नया करा रहे हैं. इनमें उन्हें मेकिंग चार्ज का ही भुगतान करना पड़ रहा है. लेकिन जब ग्राहक पुराने गहने बेचते हैं, तो उन्हें कुछ कटौतियों का सामना भी करना पड़ता है. पुराने गहनों की ब्रिकी पर जीएसटी, मार्केट मूल्य कटौती और मेकिंग चार्ज आदि माइनस किया जाता है. जिससे उन्हें मिलने वाले पैसे घट जाते हैं. वहीं नए गहने खरीदते समय मेकिंग चार्ज 10 से 25 प्रतिशत तक हो सकता है और 3 प्रतिशत तक का जीएसटी का भुगतान करना पड़ता है.