Trump tariff war is impact not only economy but also to your job

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर शुरू की गई टैरिफ वॉर में अभी कुछ दिनों के लिए पॉज लग गया है. चीन को छोड़कर अमेरिका ने बाकी देशों पर जवाबी शुल्क को 90 दिनों के लिए रोक दिया है. अमेरिका ने जो टैरिफ वॉर छेड़ी है, इससे दुनिया भर की इकोनॉमी पर तो खतरा मंडरा ही रहा है, इसके साथ ही आपकी नौकरियों पर भी इसका बुरा असर पड़ सकता है. कुछ सेक्टर ऐसे हैं, जहां पर इसकी वजह से लोगों की जॉब जा सकती है.

इकोनॉमिक्स टाइम्स को देवाशीष चक्रवर्ती ने बताया है कि आने वाले समय में देश के कुछ ऐसे सेक्टर हैं, जहां पर नौकरी जाने का खतरा है, जो कि टैरिफ वॉर से सीधे तौर पर प्रभावित हो सकते हैं. आइए हम आपको उन सेक्टर के बारे में बताते हैं. साथ इस बारे में भी जानकारी देते हैं कि ऐसी चुनौती से निपटने के लिए आप क्या कर सकते हैं.

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर

किसी भी देश का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर उसके विकास के लिए प्रमुख अंग माना जाता है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर खासतौर पर ऑटो से जुड़ी कंपनियों में नौकरी जाने का रिस्क है. एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर कोई मैन्युफैक्चरिंग कंपनी से जुड़ा हुआ है, तो उसे घरेलू बाजारों को टारगेट करके अपने प्रोडक्ट को बनाने वाली कंपनियां, ईवी कंपनियों में स्विच करने के ऑप्शन को देखते रहना चाहिए.

लॉजिस्टिक्स पर दबाव

ट्रंप की ओर से टैरिफ लागू करने के फैसले के बाद से अमेरिका जाने वाले प्रोडक्ट के ट्रांसपोर्टेशन में अचानक गिरावट देखने को मिली, जिसके कारण अमेरिकी बंदरगाहों पर आने वाले मालवाहक जहाजों को रद्द कर दिया गया. एक्सपर्ट की माने तो जब कारखानों में काम धीमा हो जाता है और जहाज बेकार हो जाते हैं, तो लॉजिस्टिक्स पेशेवरों को नौकरी खतरे में आती है. अभी जो स्थिति बनी हुई है. यह आने वाले 6-7 महीनों में सामान्य हो जानी चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है, तो लॉजिस्टिक्स पेशेवरों को डिजिटल प्लेटफॉर्म और रूट ऑप्टिमाइजेशन जैसी स्किल के सीखना चाहिए.

इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मा सेक्टर

ज्यादा टैरिफ लगने के कारण इलेक्ट्रॉनिक्स औ फार्मा सेक्टर से जुड़ी कंपनियों पर दबाव बढ़ेगा, जिससे इन सेक्टर में काम करने वाले लोगों की नौकरियों पर सीधा असर पड़ेगा. अगर टैरिफ बढ़ती है, तो इनपुट लागत 15-20% तक बढ़ सकती है. इस प्रकार, कंपनियों के मार्जिन पर दबाव आएगा और जब कंपनियों पर दबाव आएगा, तो वह घाटे को मैनेज करने के लिए छंटनी शुरू कर सकती हैं.

कर्मचारी ऐसे में क्या करें?

देवाशीष चक्रवर्ती बताते हैं कि ऐसे में कर्मचारियों को कुछ तरीके अपनाने होंगे, जिनमें से पहला तरीका है कंपनी की स्थिति को समझना. इसके लिए कर्मचारियों अपनी कंपनी के एक्सपोर्ट के एक्सपोजर को समझना होगा, साथ ही उसके इंटरनेशनल क्लाइंट बेस और रॉ मटेरियल के सोर्सेज के बारे में जानकारी इकट्ठा करनी चाहिए और उसका खुद से विश्लेषण करें. इससे कंपनी की स्थिति के बारे में सही अनुमान लग पाएगा. इसके अलावा एआई और बाकी माध्यमों से स्किल सीखें और साथ-साथ में दूसरे सेक्टर में नौकरी खोजते रहें.

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